तेली समाज के लिए चिंता का विषय || ABTS - Akhil Bhartiya Teli Sangthan

Breaking

Teli sangthan is very popular and growing information provider website about Teli Caste.

Wednesday, June 26, 2019

तेली समाज के लिए चिंता का विषय || ABTS


आज के युग मे लोग बेटी के रिश्ते के लिए (लड़के मे ) सारे गुण देखना चाहते है  ।
देखने देखने मे ही सालो बीतने लगते है | काम और पढ़ाई के नाम पर समय गावते है
अगर है तो फर्नीचर कैसा है ?
खूद का मकान हैं कि नही ?
हाई फाई परंपराओं से तौला जाता है ।
कमरे कितने है ?
रहन सहन केसा है ?

फोर व्हीलर है नही ?
कितने भाई हैं ?
बंटवारे में मां बाप गले पडे वो स्थिति पर नजर रखने की जरूरत हैं ?
बहन कितनी हैं -शादी हूई कि नही ?
रिश्ते नाते वाले आधुनिक काल के है कि नही ।
! बच्चे कि हाईट !
  !रंग रूप!
  !आदत ! (में थोड़ा एडजस्ट कर लेंगे)
  ।पढाई ।
  ।कमाई ।
  ।बैंक बैलेंस ।

                                 

सब बातो पर इन्क्वायरी पूरी होने के बाद कुछ प्रश्न पूछने  में समय पास हो जाता है ।
ईर्ष्या और डिमांड भी  सब कूछ चोपट कर जाती हैं ।
मां बाप का स्वभाव ठीक नहीं है ?
मेरे चाचाजी का लडका है कहो तो कूंङली मंगवा दू ?
हालात तो क्या कहे  माँ बाप की नींद खूलती है पच्चीस पर ओर चार पांच साल कि दौड धूप बच्चो की जवानी को बरबाद करने के लिए काफी है
इस वजह से अच्छे रिस्ते हाथ से निकल जाते है ।
मै सही तुम गलत के खेल में
न जाने कितने रिश्ते ढह गए...

एक समय था जब बिना देखे घर के खानदान व व्यवहार पर रिश्ते हो जाते थे ।
 वो रिश्ते लम्बे भी निभते थे
 समधी समधन में मान मनुहार होती थी
 सुख दूख में साथ होता था
 रिश्ते नाते कि अहमियत का अहसास था
 चाहे पैसे माया कम थी मगर खुशीया घर आंगन पणीहारी मै झलकती थी ।
 कभी कोई ऊची नीची बात हो जाती तो आपस बड़े बुजर्ग संभाल लेते थे । तलाक शब्द रिश्तों में था ही नही ।
दाम्पत्य जीवन खटे मीठे अनुभव में बीत जाया करता था और दोनों एक दूसरे के बुढ़ापे की लाठी बनते थे।
 और पोते पोतियों में संस्कारो के बीज भरते थे।
अब कहा है वो संस्कार । शादी में तो तलॉक की बाते हो जाती है । आँख की शर्म तो इतिहास हो गई।
 कमाल है
आजाद रिश्तों में
लोग बंधन ढूंढ रहे है
और
बंधे हुए रिश्तों में आजादी
Rathore Samaj
तेली समाज के लिए चिंता का विषय


 और धीरे धीरे बात रिश्तों में समझोता करने की आ जाती है | लड़का अपने समाज का नही होगा तो भी चलेगा, ऐसी बाते भी सामने आ रही है । लडकिया खुले आम दूसरे धर्म में लव मैरिज कर रही है और दोष दे रही है समाज में अच्छे लड़के मेरे लायक नही है क्योकि ये लडकिया आधुनिकता की पराकाष्ठा पार कर गई है । सिगरेट और शराब पीना आजकल कॉलेज जाने वाली लड़कियों का फ़ैशन बन चुका है । अगर अब भी माँ बाप नही जागेंगे तो स्थितियां विस्फोटक हो जाएगी ।
 समाज के लोगो को समझना होगा लड़कियों की शादी 22-23-में हो जाये ।। लड़का 24-का
 सब में सब गुण नही मिलते। ।
 पंडित जी भी 36 गूण में से 21-गूण पास कर जाते थे।
 24 टंच ना सही 19टंच भी सोना ही है । पीतल घर में मत लाओ। घर बंगले ।फोर व्हीलर से पहले व्यवहार तोलो खानदानी ढूढो।जो कूंजी है रिश्ते नाते की वो कभी फैल नही होते ।

 समाज को अब जागना जरूरी है वरना....रिशते ढूढते रह जाएंगे।


आपका अपना

अखिल भारतीय तेली संगठन ABTS


No comments:

Post a Comment

style=”visibility:hidden”